रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भगवान महाकाल को लगेगा सवा लाख लड्डुओं का महाभोग मंदिर के अंदर सजाए जाएंगे लड्डू.. तैयारियां जोरों पर…. सबसे पहले भगवान महाकाल को बंधेगी राखी 

उज्जैन। प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सवा लाख लड्डूओं का महा भोग बाबा महाकाल को लगाया जाएगा। जिसकी तैयारीयां जोरों पर चल रही है। राखी के दिन तड़के होने वाली भस्मारती के दौरान सबसे पहले भगवान महाकाल को राखी बांधी जाएगी और आरती के पश्चात भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाकर श्रद्धालुओं को लड्डू प्रसाद का वितरण किया जाएगा।
रक्षाबंधन के दिन भगवान महाकाल को सवा लाख बेसन के शुद्ध देसी घी से बने लड्डुओं का महाभोग लगाया जाता है। यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है।इस बार भी परंपरा का निर्वाह करते हुए राखी के पावन पर्व पर बाबा महाकाल को सबसे पहले राखी बांधी जाएगी। ओर राखी के दिन तड़के होने वाली भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल को लड्डूओं का महाभोग लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में लड्डू वितरित किए जाएंगे।
 यह परंपरा वर्षों पुरानी है। इस परंपरा में महाकाल मंदिर के पंडे पुजारी का अहम योगदान है।  रक्षाबंधन का पर्व इस बार 9 अगस्त को मनाया जाएगा।  विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में पुजारी परिवार द्वारा बाबा महाकाल को सवा लाख बेसन के शुद्ध घी से बने लड्डुओं का महाभोग लगाया जाता है। यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है।इस बार भी परंपरा का निर्वाह करते हुए राखी के पावन पर्व पर बाबा महाकाल को सबसे पहले राखी बांधी जाएगी। ओर राखी के दिन तड़के होने वाली भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल को लड्डूओं का महाभोग लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में लड्डू वितरित किए जाएंगे। बाबा महाकाल के भक्त महाभोग प्रसाद में पूर्ण रूप से सहयोग करते है। इसको लेकर तैयारियां  चल रही है ।
वर्षों पुरानी परंपरा आज भी कायम
राखी पर लड्डू प्रसाद का जो महाभोग महाकालेश्वर भगवान को लगाया जाता है वह प्रथा   वर्षों पुरानी है और आज भी कायम है। इस परंपरा का निर्वाहन करने में महाकाल के पंडे पुजारियों का अहम योगदान माना जाता है। इसके पहले इतने सारे लड्डू प्रसाद मंदिर के पंडे पुजारियों के घर से तैयार होकर आते थे। जिसकी तैयारी में पंडे पुजारी कई दिन पहले से जुट जाते थे लड्डू बनाने में वह रात दिन एक कर देते थे। लेकिन खास बात यह है कि यह परंपरा कभी भंग नहीं हुई है। बाबा महाकाल की कृपा व पंडे पुजारियों भगवान के भक्तों के योगदान से आज भी यह परंपरा चली आ रही है। और राखी के दिन मंदिर के अंदर के परिसर में इन असंख्य लड्डुओं को सजाया जाता है जिससे पूरा मंदिर लड्डुओं की खुशबू से महक उठता है।
 सबसे पहले भगवान महाकाल को बंधेगी राखी
रक्षाबंधन के दिन सबसे पहले भगवान महाकाल को राखी बांधी जाती है पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान महाकाल के लिए विशेष राखी बनाती है और राखी के पावन पर्व पर बाबा महाकाल को सबसे पहले राखी बांधी जाती है और राखी के दिन तड़के होने वाली भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल को लड्डू का भोग लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में लड्डू वितरित किए जाएंगे।
Share:

संबंधित समाचार

Leave a Comment